मिशन इन्द्रधनुष: बच्चों और माताओं के लिए टीकाकरण अभियान
परिचय
मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान है, जिसका उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण प्रदान करना है। यह कार्यक्रम 2014 में शुरू किया गया और इसे देश के उन हिस्सों तक पहुँचाने पर जोर दिया गया जहाँ टीकाकरण कवरेज कम है।
इस योजना का उद्देश्य 90% टीकाकरण कवरेज प्राप्त करना और यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा या गर्भवती महिला वैक्सीन से वंचित न रहे। मिशन इन्द्रधनुष का नाम इन्द्रधनुष (इंद्रधनुष) के सात रंगों से प्रेरित है, जो इस कार्यक्रम के अंतर्गत दी जाने वाली सात प्रमुख बीमारियों के टीकों का प्रतीक है।
मिशन इन्द्रधनुष की प्रमुख विशेषताएँ
🔹 लॉन्च वर्ष: 2014
🔹 लक्ष्य: 90% टीकाकरण कवरेज
🔹 लाभार्थी: 2 वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती महिलाएँ
🔹 टीकाकरण की संख्या: 12 जानलेवा बीमारियों के लिए
🔹 प्रमुख रणनीति: उन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करना जहाँ टीकाकरण कम है
मिशन इन्द्रधनुष का उद्देश्य
🎯 उन बच्चों को टीका लगाना जो नियमित टीकाकरण से वंचित रह गए हैं।
🎯 गर्भवती महिलाओं को आवश्यक टीके प्रदान करना।
🎯 टीकाकरण दर को 90% तक बढ़ाना।
🎯 स्वास्थ्य सेवाओं को सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों तक पहुँचाना।
🎯 जानलेवा बीमारियों को जड़ से खत्म करना।
मिशन इन्द्रधनुष के अंतर्गत दी जाने वाली टीके
टीका | बीमारी से सुरक्षा |
---|---|
बीसीजी (BCG) | तपेदिक (टीबी) |
पोलियो वैक्सीन (OPV, IPV) | पोलियो |
हेपेटाइटिस बी (Hep B) | हेपेटाइटिस बी |
डिप्थीरिया, टेटनस, काली खाँसी (DPT) | डिप्थीरिया, टेटनस, काली खाँसी |
हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा बी (Hib) | न्यूमोनिया, मेनिन्जाइटिस |
खसरा-रूबेला (MR) | खसरा और रूबेला |
जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) | जापानी इंसेफेलाइटिस |
रोटावायरस वैक्सीन | डायरिया |
पीसीवी (PCV) | निमोनिया |
मिशन इन्द्रधनुष के चरण
1. मिशन इन्द्रधनुष (2014)
🔸 7 जानलेवा बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण अभियान।
🔸 201 जिलों में शुरू किया गया।
🔸 पोलियो, खसरा, टीबी, डिप्थीरिया, काली खाँसी, टेटनस और हेपेटाइटिस-बी पर फोकस।
2. मिशन इन्द्रधनुष 2.0 (2019)
🔸 12 बीमारियों को शामिल किया गया।
🔸 टीकाकरण कवरेज को 90% तक पहुँचाने का लक्ष्य।
🔸 271 जिलों और 652 ब्लॉकों में लागू किया गया।
3. इन्द्रधनुष 3.0 (2021)
🔸 कोरोना महामारी के कारण छूटे हुए टीकाकरण को कवर करने के लिए शुरू किया गया।
🔸 250 जिलों में चलाया गया।
4. इन्द्रधनुष 4.0 (2022)
🔸 शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को ध्यान में रखकर लागू किया गया।
🔸 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से लोगों तक पहुँचना।
मिशन इन्द्रधनुष की रणनीति
✅ कम टीकाकरण वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता देना।
✅ टीकाकरण टीमों को सुदूर और दुर्गम इलाकों में भेजना।
✅ स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करना।
✅ स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
✅ मीडिया और जागरूकता अभियानों का उपयोग करना।
मिशन इन्द्रधनुष के लाभ
✔️ टीकाकरण कवरेज में सुधार हुआ।
✔️ बच्चों और गर्भवती महिलाओं में रोगों की रोकथाम।
✔️ मौतों की संख्या में कमी आई।
✔️ स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच दूर-दराज तक हुई।
✔️ मजबूत और स्वस्थ पीढ़ी के निर्माण में सहायता।
मिशन इन्द्रधनुष के तहत अब तक की उपलब्धियाँ
📊 10 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका लगाया गया।
📊 2.5 करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को टीके दिए गए।
📊 देश के 700 से अधिक जिलों को कवर किया गया।
📊 90% टीकाकरण कवरेज प्राप्त करने के करीब पहुँचा।
मिशन इन्द्रधनुष से जुड़ी चुनौतियाँ
❌ दुर्गम और सुदूर क्षेत्रों में टीकाकरण टीमों की सीमित पहुँच।
❌ बच्चों और परिवारों की जानकारी का सही रिकॉर्ड न होना।
❌ कुछ क्षेत्रों में वैक्सीन को लेकर भ्रांतियाँ और जागरूकता की कमी।
❌ स्थानीय समुदायों का कम सहयोग।
भविष्य की योजनाएँ
🚀 100% टीकाकरण कवरेज सुनिश्चित करना।
🚀 हर बच्चे और गर्भवती महिला तक पहुँचना।
🚀 मजबूत डेटा संग्रह प्रणाली विकसित करना।
🚀 नवाचार और नई रणनीतियों को अपनाना।
🚀 जन-जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
निष्कर्ष
मिशन इन्द्रधनुष भारत सरकार का एक सराहनीय प्रयास है, जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने में मदद कर रहा है। इस योजना ने स्वास्थ्य सेवाओं को कमजोर और वंचित वर्गों तक पहुँचाया है। हालांकि कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन सरकार की लगातार कोशिशों से यह कार्यक्रम भारत को टीकाकरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना रहा है।
सरकार, स्वास्थ्य कार्यकर्ता और आम जनता के सहयोग से मिशन इन्द्रधनुष भारत के हर बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के अपने लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।